*रेशम की डोर* – *मीरा सिंह* : Moral Stories in Hindi

Post View 23,987 लता देख रही थी आज सौरभ सुबह  उठ कर जल्दी जल्दी नहा धो रहा था । वह अपने पति का स्वाभाव जानती थी  । आज राखी था और साइत भी सुबह के सात बजे तक का ही था । वह भी तो अपने भाई भतीजों के लिए मुँह अंधेरे से ही रसोई … Continue reading *रेशम की डोर* – *मीरा सिंह* : Moral Stories in Hindi