रंगों का त्योहार – मंजू ओमर : Moral stories in hindi

Post Views: 6 होली का त्योहार नजदीक था लेकिन गायत्री जी के मन में कोई उत्साह नहीं था। गायत्री जी सोच रही थी क्या फर्क पड़ता है अब कोई त्यौहार आए या जाए । जैसे सब दिन बीतते हैं वैसे ये भी दिन बीत जायेंगे।अब कैसी होली और कैसी दीवाली।                    चाय पीते पीते अतीत में … Continue reading रंगों का त्योहार – मंजू ओमर : Moral stories in hindi