राखी – उमा वर्मा

Post View 8,635  अब के बरस भेज भैया को बाबुल, सावन में लीजो बुलाये—“” गुनगुना रही थी नन्दिनी ।दो दिन बाद राखी है ।इस बार खुद जाकर राखी बांधना चाहती है वह ।”” भैया को क्यो, खुद ही चली जाओ ना,मै कल ही टिकट का इन्तजाम करता हूँ “” अजय ने कहा ।आठ साल बाद … Continue reading   राखी – उमा वर्मा