राखी का गिफ़्ट – प्रीति आनंद अस्थाना
Post View 17,251 ऑफ़िस के रास्ते में एक अत्यधिक व्यस्त ट्रैफ़िक सिग्नल पड़ता था। अगर उस पर रुकना पड़ गया तो कम से कम पाँच-सात मिनट की तो छुट्टी हो ही जाती। मेरी नई-नई नौकरी लगी थी तो ऑफ़िस पहुँचने की जरा जल्दी रहती। वहाँ रुकना बेहद अखरता था। इसी सिग्नल पर कुछ लोग तमाम … Continue reading राखी का गिफ़्ट – प्रीति आनंद अस्थाना
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