प्यार बोझ नहीं बनेगा…रश्मि झा मिश्रा : Moral stories in hindi

Post View 8,748 पूर्णिमा की चांदनी… पूरे आकाश पर फैली हुई थी… हल्की-हल्की ठंडी हवा के झोंके… साथ में मस्त चांदनी… राधिका खिड़की खोले बस निहारे जा रही थी… वह जैसे खो सी गई थी… हजार द्वंदों से उलझे हुए मन पर… जैसे यह चांदनी रात की ठंडी हवा अमृत वर्षा कर रही हो… कहीं … Continue reading प्यार बोझ नहीं बनेगा…रश्मि झा मिश्रा : Moral stories in hindi