पुरुष की अनोखी परिभाषा – रश्मि सिंह : short story with moral

Post Views: 5 सुमित-अम्मा ये लो दवाई और पानी। अब खाकर थोड़ी देर सो जाओ, मैं यही तुम्हारे पास हूँ। रागिनी (सुमित की भाभी)-सुमित कहा रह गए, दवा पानी  देते देते सो गये थे क्या। जाओ जल्दी गेहूँ पिसवाकर लेकर आओ, जल्दी आना नहीं तो बहुत मारूँगी तुम्हें। यहाँ सुमित कोई छोटा बच्चा नही है, … Continue reading पुरुष की अनोखी परिभाषा – रश्मि सिंह : short story with moral