पुरस्कार – सुनीता परसाई ‘चारु’ : Moral Stories in Hindi

Post View 3,495 सुगना अपनी  नातिन का हाथ थामे उसे शहर के जूडो-कराटे स्कूल लेकर जा रही थी।वह हमेंशा हाथ में डंडा रखकर चलती थी।गाँव में उसे सब ‘डंडे वाली अम्मा’ कह कर बुलाते थे। रास्ते में सब्जी की दुकान देखकर सुगना को याद आया, कैसे उस दिन वह डण्डा लेकर दौड़ी थी। एक दिन … Continue reading पुरस्कार – सुनीता परसाई ‘चारु’ : Moral Stories in Hindi