प्रेयसी नहीं,प्रेरणा – शुभ्रा बैनर्जी Moral Stories in Hindi

Post View 2,288 मैत्रेई”बड़ा ही विशिष्ट महसूस होता था अपने आप में यह नाम। सामान्यतः देखने -सुनने को नहीं मिलता था यह नाम। मैत्रेई की मां ने रखा था उसका नाम। अर्थ जानने की कभी जिज्ञासा ही नहीं हुई। मां-पापा तो “मीतू”ही बुलाते थे।भाई -बहनों ने मीतू दीदी कहा,और मोहल्ले में मीतू ही प्रसिद्ध था।बचपन … Continue reading प्रेयसी नहीं,प्रेरणा – शुभ्रा बैनर्जी Moral Stories in Hindi