प्रेम की गांठ – दिक्षा बागदरे : Moral Stories in Hindi

Post View 817 भागीरथी जी थी ठेठ देसी गांव की महिला थीं। जन्म से लेकर ब्याह तक वह गांव में ही पली-बढ़ी। खेती-बाड़ी, गाय दुहना, लिपना-पोतना, चूल्हे पर खाना बनाना आदि काम कई वर्षों तक, उनकी दिनचर्या का हिस्सा रहे हैं। यूं तो उन्हें शहर में बसे वर्षों हो गए।   हर काम में होशियार … Continue reading प्रेम की गांठ – दिक्षा बागदरे : Moral Stories in Hindi