प्रेम और संकोच – डॉ आदर्श प्रकाश
Post View 287 ———————- सत्तर का दशक । खबर लगी कि ऋचा एम . ए का पेपर देने लखनऊ नहीं जा रही है । परेशान हो उठा श्लोक । क्या हुआ होगा ? उनके उस छोटे शहर में बी. ए तक ही कॉलेज था । पैसेंजर ट्रेन से पेपर देने लखनऊ जाना था रोज । … Continue reading प्रेम और संकोच – डॉ आदर्श प्रकाश
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