“प्रायश्चित ” – कुमुद मोहन : Moral Stories in Hindi

Post View 105 “साहब!मेरे बच्चे की मदद करना,मेरे बाद इसका इस दुनिया में कोई नहीं है!मैंने भी हमेशा आपके परिवार को ही अपना समझा है,मेरे मरने के बाद इसका क्या होगा,सोचकर मेरा दम निकला जा रहा है” हाथ जोड़कर रो रोकर ड्राइवर रामसिंह अपने साहब महेश जी से विनती कर रहा था! महेश जी ने … Continue reading “प्रायश्चित ” – कुमुद मोहन : Moral Stories in Hindi