Post Views: 5 वृद्धा सुमित्रा ने अपने शरीर की जर्जर हालत का अनुमान लगाते हुए उसने साकेत से कहा कि अब वह कुछ ही दिनों का मेहमान है इस धरती पर, कब प्राण-पखेरु इस चोला को छोड़कर उड़ जाएंगे कहना मुश्किल है। मुझे रजिस्ट्री आफिस ले चलो, तुमलोगों ने मेरी बहुत सेवा की है, जिसकी … Continue reading पराये हुए अपने – मुकुन्द लाल
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