Post View 199 “माँ! वन्या भाभी तो आपकी पसन्द से आयी थीं न बड़े भइया की ज़िंदगी में, हमारे घर में। …फिर भी कभी आपको उनकी तारीफ़ करते नहीं सुना। …जबकि नित्या भाभी को तो आपने देखा भी नहीं था, शुरू में छोटे भइया का यूँ ख़ुद ही लड़की पसन्द कर लेना बहुत खलता भी … Continue reading पुल और दीवा – नीलम सौरभ
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