पितृ मुस्कुरा उठे – रीटा मक्कड़

Post View 452 नोट.. इस रचना का उद्देश्य किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचाना नही है कृपया कोई भी अन्यथा ना ले।   मेरे सास ससुर हमेशां दूसरों के लिए दयाभाव रखने वाले थे। अपने द्वार पर आने वाले किसी जरूरतमंद को उन्होंने कभी खाली हाथ नही लौटाया था।दिल खोल कर दान भी करते थे। … Continue reading पितृ मुस्कुरा उठे – रीटा मक्कड़