पिंजरा सोच का – अभिलाषा कक्कड़

Post View 217 क़िस्सा है यह पुराना मोबाइल का नही था तब ज़माना  उफ़ !! दस बज गये हैं आज भी कहीं देर ना हो जाये, संजना जल्दी जल्दी किताबें उठाकर बाहर की ओर निकल गई । अभी  दस कदम चल भी नहीं पाई थी कि सामने से बड़ा सा ट्रक देख कर मन में … Continue reading पिंजरा सोच का – अभिलाषा कक्कड़