पिघलते दायरे – माधुरी गुप्ता: Moral stories in hindi

Post Views: 26  पर्दे की झिरी में से आती हुई धूप जैसे ही नंदिनी के चेहरे पर पड़ी वह अचकचा कर उठ बैठी ,पलटकर देखा राजीव नींद मैं बे सुध सो रहे थे रात को देर हो जाने के कारण उसी सिल्क के कुर्ते में ही सो गये थे जो शादी केसमय पहना था। उठकर … Continue reading पिघलते दायरे – माधुरी गुप्ता: Moral stories in hindi