फ़ूल : गेंदा फूल – सपना शिवाले सोलंकी
Post View 1,855 ——————— हमारे गाँव के घर में बहुत बड़ी बाड़ी हुआ करती थी। बाड़ी में एक कुँआ उससे लगकर एक छोटा सा मकान था जिसमें “फूल” रहा करती थी। ‘फूल’ कोई फूल पत्तियों वाला ‘फूल’ नहीं बल्कि जीती जागती “फ़ूल” थी।बचपन से हम सब उन्हें “फूल” कहकर ही पुकारा करते । दरअसल, गाँव … Continue reading फ़ूल : गेंदा फूल – सपना शिवाले सोलंकी
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