Post View 207 आज अपने को बार बार बहला रही थी वसुधा ।’ठीक किया मैने , यह कोई समय है प्यार मुहब्बत में पडने का ?कितनी पागल हूँ न मै ? कैसे इतनी जल्दी भावनाओं में बह जाती हूँ । बस खूबसूरत शब्दों के मोह जाल में भूल जाती हूँ कि जीवन के इस मोड … Continue reading फिर से – सुधा शर्मा
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