पहले प्यार का अहसास – वंदना चौहान
निखिल,कितने सालों बाद तो तेरा ट्रांसफर हुआ है इस शहर में ,छोड़ इस फोन को ,चल कहीं घूमने चलते हैं यार । बस यार, रवि दस मिनट और। ओके डन ,फोन को पॉकेट में रखते हुए अरे ! यार , जब भी यह वैलेंटाइन वीक आता है मेरी हर सॉंस टिया को तलाशने लगती है। … Continue reading पहले प्यार का अहसास – वंदना चौहान
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