पीठा – रामजी तिवारी : Moral Stories in Hindi

Post View 4,900 जेठ में सिर्फ दो दिन बचे हैं और इन्हीं में से किसी एक दिन पीठा चढ़ाना है। कल या परसो। सुंदरी देवी परेशान हैं। सोचती हैं, अपने पति की बात को पहले ही ठुकरा दिया होता तो अच्छा होता। लेकिन वो उनके झाँसे में आ गई। यह बात तो वैसाख महीने में … Continue reading पीठा – रामजी तिवारी : Moral Stories in Hindi