पता नहीं कैसे – गुरविंदर टूटेजा
Post View 1,134 आज सुधा बहुत खुश थी अपने इकलौते बेटे के लिए तन्वी जैसी बहू पाकर बहुत समझदार व संस्कारी थी उसे विश्वास था कि वो उसे अपने प्यार से संभाल लेगी…!!!! अरे चाची क्या सोचने लगी जल्दी से आरती उतारिए व बहू का गृहप्रवेश कराईये…हाँ कहकर उसने आरती उतारी और उसे बड़े प्यार … Continue reading पता नहीं कैसे – गुरविंदर टूटेजा
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