पश्चाताप के आशु – मनीषा सिंह : Moral Stories in Hindi

Post View 2,516 “एक चुटकी सिंदूर की कीमत तुम क्या जानो रामबाबू”” लाखों में कोई एक सुहागन सदा सुहागन रहता है” “चांद सितारों से मांग सदा भरी रहे” जाने और भी कई डायलॉग थे— जो आज मुझे याद आ रहे थे — । “मेरी आंखों से लगातार “आशु ” निकलते जा रहे थे और  मैं … Continue reading पश्चाताप के आशु – मनीषा सिंह : Moral Stories in Hindi