पश्चाताप के आंसू – डॉ अंजना गर्ग

Post View 583 पूर्णिमा और उसकी पड़ोसन शीला दोनों अपनी मृत्यु के बाद यमराज के सामने पहुंच गई। यमराज ने अपना वही खाता खोला। कुछ पढ़ा और सेवकों को कहा, “इसे 36 नंबर कमरे में ले जाओ।” पूर्णिमा खुश थी कि उसने तो बहुत दान पुण्य किया है इसलिए अच्छी जगह ही यमराज ने उसे … Continue reading पश्चाताप के आंसू – डॉ अंजना गर्ग