परसम्मान ही स्वसम्मान – रश्मि सिंह : Moral Stories in Hindi
Post View 588 दफ्तर के खुलने का समय हो चुका है, सब अपने कंप्यूटर्स ऑन कर रहे है । शिशिर-रवि अयोध्या परियोजना से व्यय की जो स्टेटमेंट आनी थी आ गई क्या ? रवि (हँसते हुए)-सर मेल तो आ गया है पर उसमे अटैचमेंट ग़लत लगा दी है । शिशिर-उन्हें रिप्लाई कर इन्फॉर्म करो। शिशिर … Continue reading परसम्मान ही स्वसम्मान – रश्मि सिंह : Moral Stories in Hindi
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