परिवार के संस्कार और सहयोग ही समाज में बदलाव लाने की हिम्मत देते हैं। – सुल्ताना खातून 

Post Views: 2 “लागा चुनरी में दाग …….” दादी क्या ये पुराने गाने सुन रही हैं, आईए मेरे साथ डांस करें! दिव्या ने दादी को खिचते हुए बोली। तभी दरवाजा खुला और अमित अंदर आया, पिछे एक काली चादर में धूमिल, डरी सहमी सी खुबसूरत सी लड़की भी थी। तभी दादी ने ऐनक ठीक करते … Continue reading परिवार के संस्कार और सहयोग ही समाज में बदलाव लाने की हिम्मत देते हैं। – सुल्ताना खातून