परंपरा – डॉ. जय प्रकाश प्रजापति : Moral Stories in Hindi
Post View 1,336 जानकी विदा होकर पहली बार ससुराल आई थी। आते वक्त उसकी माँ ने समझाया था कि बेटी अब तुम्हारा घर ससुराल ही है। जो सास, ससुर पति जैसा कहें करना, क्योंकि ससुराल वालों की नाक बहुत ही होती है। मेरा ज्यादातर जीवन शहर मे ही बीता था। मेरे मामा जी शहर में … Continue reading परंपरा – डॉ. जय प्रकाश प्रजापति : Moral Stories in Hindi
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