“पापा! – विनय कुमार मिश्रा

Post View 443  दूसरी नयी साइकिल दिला दो ना” मैं समझ सकता हूँ। साइकिल थोड़ी पुरानी हो गई है। इसी से स्कूल और ट्यूशन जाता है। बेटा बोल रहा था बार बार चेन उतर जाता है इसका।पर अभी नई दिला पाना थोड़ा मुश्किल है। बेटे को लेकर साइकिल दुकान उसे ठीक कराने गया। साइकिल दे … Continue reading “पापा! – विनय कुमार मिश्रा