Post View 188 पानीबूँद-बूँद से बनता हूँरिश्तों सा निखरता हूँखुले आसमाँ से जबख्वाहिश बन बरसता हूँतो बंजर पड़े अरमानो कोपलभर में गुलजार कर देता हूँसबके चेहरे पर एक उत्साहभीनी सी मुस्कुराहट छोड़ देता हूँमैं पानी हूँ सबसे जुड़ी कहानी हूँजो कल था आज हूँपर कल किसके पास हूँना तेरा हूँ ना उसका हूँसबका कतरा-कतरा हूँआम … Continue reading पानी – स्नेहज्योति
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