पाखंडी – डा.मधु आंधीवाल

वसुधा अपनी खिड़की पर खड़े होकर शाम के धुंधलके में खड़े होकर वृक्ष की ओर टकटकी लगाकर देखरही थी ।एक चिड़िया अपने तीन बच्चों को बार बार दाना लाकर खिला रही थी ।तीनों बच्चों को वह पूरी तरह सुरक्षा दे रही थी ।इतनी देर में एक बाज आया और  उस घोंसले के चारों ओर मंडराने … Continue reading पाखंडी – डा.मधु आंधीवाल