पाखंडी – डा.मधु आंधीवाल

Post View 811 वसुधा अपनी खिड़की पर खड़े होकर शाम के धुंधलके में खड़े होकर वृक्ष की ओर टकटकी लगाकर देखरही थी ।एक चिड़िया अपने तीन बच्चों को बार बार दाना लाकर खिला रही थी ।तीनों बच्चों को वह पूरी तरह सुरक्षा दे रही थी ।इतनी देर में एक बाज आया और  उस घोंसले के … Continue reading पाखंडी – डा.मधु आंधीवाल