पैसे का गुरूर – गीता यादवेन्दु : Moral Stories in Hindi

Post View 17,957 “हमारी बेटी बहुत बड़े घर में ब्याही है । बहुत अमीर हैं वो लोग ।दसियों नौकर-चाकर लगे रहते हैं ।” रुक्मणी अपनी पड़ोसन रजनी को बता रही थी । “अच्छा……जब आए अबकी बार कविता तो मुझसे भी मिलवाना । बहुत गुणी होगी तभी तो बड़े घर में पहुँची है ।” रजनी ने … Continue reading पैसे का गुरूर – गीता यादवेन्दु : Moral Stories in Hindi