पड़ोसी-धर्म – विभा गुप्ता

Post Views: 11   ” अरे सुनो, डी-44 में चहल-पहल सुनाई दे रही है,लगता है कोई आया है।” मियाँजी का चेहरा गुलाब-सा खिला हुआ था।ऐसा पहली बार तो हुआ है नहीं।पिछले पच्चीस बरस में पतिदेव के बाल सफ़ेद हो गये,तोंद निकल आई, चेहरे की चिकनाहट भी लुप्त हो गई लेकिन नहीं कुछ बदला है, तो वह … Continue reading पड़ोसी-धर्म – विभा गुप्ता