पछतावे के ऑंसू – श्वेता अग्रवाल : Moral Stories in Hindi

Post View 15,164 स्नेहा जैसे ही तैयार होकर ब्रेकफास्ट टेबल पर पहुॅंची।वहाॅं अंशुल को ना देख उसने रामू काका से पूछा “काका,अंशुल ने ब्रेकफास्ट कर लिया।” “नहीं बिटिया, अंशुल बाबा तो अब तक उठे ही नहीं है।” “क्या! अब तक नहीं उठा। 9:00 बज रहे हैं। 10:00 बजे तो उसकी कोचिंग है। हद होती है, … Continue reading पछतावे के ऑंसू – श्वेता अग्रवाल : Moral Stories in Hindi