पछतावा – नंदिनी

Post View 1,818 गिले शिकवे सिर्फ़ सांसों के चलने तक ही होते हैं। बाद में तो सिर्फ़ पछतावे ही रह जातें हैं। चलिए सुनते हैं आज मालती की कहानी दो बहन और दो भाई में सबसे बड़ी थी घर में, पूरा घर उसकी मर्जी से चलता ,गांव में परिवार रहता था और कुछ सालों बाद … Continue reading पछतावा – नंदिनी