पाप – नन्दलाल भारती 

Post View 868 दंश रतन इतना बड़ा पाप करेगा, कलयुग में भी विश्वास नहीं होता।पलपल कलपती निधि के आंखों से निरन्तर झरते आंसू और नरोत्तम की असहनीय पीड़ाओं के एहसास से तो यही लगता था। दंश रतन और उसकी घरवाली निर्लजा की साज़िश का पर्दाफाश हो चुका था। नरोत्तम और निधि के बेटे आज्ञा कुमार … Continue reading पाप – नन्दलाल भारती