नई रात – मनीष त्यागी : Moral Stories in Hindi

Post Views: 10 शादी की धूमधाम कुछ कम हो चुकी थी। मेहमान भी काफी हद तक जा चुके थे। उज्ज्वल ने अपने कमरे का रूख किया थोड़ा झिझक कर कमरे का दरवाजा खोला तो नेहा थोड़ा और सिमट कर बैठ गई। “नही तुम्है ज्यादा औपचारिक होने की जरूरत नही है आराम से बैठ जाओ” उज्ज्वल … Continue reading नई रात – मनीष त्यागी : Moral Stories in Hindi