नव जीवन – चंचल जैन : Moral Stories in Hindi

Post Views: 11 चिलचिलाती धूप में, सिर पर आंचल ओढ मीता बढती जा रही थी।  “इतना अपमान? मेरे माता पिता गरीब है तो क्या हुआ?” “अपने बेटे का घर बसाने के लिए कैसे हाथ जोडकर आये थे सास ससुर जी।” मीता मन ही मन बडबडा रही थी। कैसे बीमार दादी का बहाना बनाकर झटपट शादी … Continue reading नव जीवन – चंचल जैन : Moral Stories in Hindi