नाराज़ – शनाया अहम : Moral Stories in Hindi
Post View 1,956 गायत्री तुम शांत होने की बात कर रही हो, तुम ही बताओ कैसे शांत रहूं। जिस बेटे के लिये मैंने दिन रात मेहनत की , पढ़ाया लिखाया , इस क़ाबिल बनाया,अपने सपनों को अपने बेटे के सपनों की बलि चढ़ा दिया, आज वो ही बेटा मुझसे एक लड़की की खातिर ज़बान लड़ा … Continue reading नाराज़ – शनाया अहम : Moral Stories in Hindi
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