नन्ही भावना – संध्या त्रिपाठी : Moral Stories in Hindi

Post View 941 दस रुपए में कितना सच जानना चाहते हैं साहब….? क्या बोली बेटा….?  तू तो बहुत ज्यादा जबान चलाती है..! बच्ची है , पर बच्ची की तरह तो बिल्कुल व्यवहार नहीं है तेरा….देख बेटा , क्या है ना…. तेरा ये  स्पष्टवादिता होना कई बार तेरे लिए मुसीबत भी बन सकती है…. और कई … Continue reading नन्ही भावना – संध्या त्रिपाठी : Moral Stories in Hindi