ननद (कभी सहेली कभी बहन कभी दुश्मन) – ऋतु यादव : Moral Stories in Hindi

Post Views: 161 उमा जी के गाड़ी में बैठते ही फोन आ गया, “ भाभी कहां हैं? चल दी की नहीं? कब तक पहुंचेंगी”? उमा जी “बाईजी ,चल दी हूँ, अब ट्रेन जितना समय लगाती है, उतना तो लगाएगी ही, वरना मेरा मन तो है कि उड़कर पहुंच जाऊं”। यह कहकर खिलखिलाकर हंस पड़ी। वहां … Continue reading ननद (कभी सहेली कभी बहन कभी दुश्मन) – ऋतु यादव : Moral Stories in Hindi