नचनिया: – मुकेश कुमार (अनजान लेखक)

Post Views: 3 जब वो नाचती तब लगता ही नहीं की उसके शरीर में हड्डी का एक टुकड़ा भी है। वो जहाँ भी जाती सारे पुरुष दर्शक मंत्रमुग्ध हो जाते। पुरुष तो उसके रुप पर मोहित हो ही जाते स्त्री भी उसके रुप से जलने लगती। लंबे घुंघराले कमर तक लटकते बाल, सुराहीदार गर्दन, मुट्ठी … Continue reading नचनिया: – मुकेश कुमार (अनजान लेखक)