नास्तिक – हरीश पांडे

Post Views: 5 आभा अपने मायके पहुंचते ही फफक फफक कर रोने लगी। माता पिता किंकर्तव्यविमूढ़ खड़े थे। बार बार आशा भरी निगाहों से दरवाज़े की तरफ देखते मगर किसी और के कदमों की आहट न सुनकर उन्हें निराशा ही हाथ लगी। बेटी का रोना बंद नहीं हो रहा था और माता पिता के दिलों … Continue reading नास्तिक – हरीश पांडे