नाम – विभा गुप्ता : Moral Stories in Hindi

Post View 2,092   ” सुनिये जी..हम कैसे लग रहें हैं…हमारी वजह से शैलेश का मज़ाक तो नहीं होगा ना….।” शीशे में खुद को निहारकर अपनी साड़ी का पल्ला ठीक करती हुई सुनंदा जी अपने पति श्रीकांत बाबू से पूछी तो वो हा-हा करके हँसने लगे…फिर उनके कंधे पर अपने दोनों हाथ रखते हुए बोले,” अब … Continue reading नाम – विभा गुप्ता : Moral Stories in Hindi