न रूकना, न झुकना, न टूटना – सुभद्रा प्रसाद
Post View 10,547 रात के तीन बज रहे थे | सभी सो रहे थे |सुमन अपने पति आलोक की तस्वीर के आगे चुपचाप बैठी एकटक तस्वीर को निहार रही थी | कल उसके एकलौते बेटे अनमोल की शादी थी|सभी परिवार आये हुए थे |दिनभर काफी गहमागहमी रही | आज बहू घर आई और सारे दिन … Continue reading न रूकना, न झुकना, न टूटना – सुभद्रा प्रसाद
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