मुस्की – संध्या त्रिपाठी : Moral Stories in Hindi

Post Views: 6    चाचू — चाचू……दरवाजा खोलो ना… देखो तो आपकी मुस्की आई है…. प्लीज चाचू….. रोते-रोते दरवाजे पर मुक्का मारती हुई मुस्की थक कर वहीं बैठ गई ….!    आप जब तक बाहर नहीं आओगे मैं यहां से नहीं हटूंगी चाचू…. मुझे नहीं मालूम चाचू …..सही कौन है और गलत कौन है….? मम्मी पापा की … Continue reading मुस्की – संध्या त्रिपाठी : Moral Stories in Hindi