मुनिया – मीनाक्षी सिंह

Post View 561 हे प्रभु ,ये क्या अनर्थ कर दिया ,मेरी फूल सी आठ साल की बच्ची  से उसकी माँ को छीन लिया ! मुझे ले लेता ,मेरी तो इस दुनिया में कोई ज़रूरत नहीं थी ! अपनी प्रिया पर भी जीते जी बोझ ही था ! बेचारी उस दिन बारिश में मुझ अपाहिज के … Continue reading मुनिया – मीनाक्षी सिंह