मम्मीजी पापाजी का “लड़ाई वाला लव” – मीनू झा
Post View 295 भाभी…लगता है रात फिर कहा सुनी हुई है मम्मी जी और पापाजी में…सुबह सुबह पापाजी कहीं निकल गए हैं और मम्मीजी मुंह फुलाए बैठी हैं बालकनी में–छोटी बहू स्निग्धा बड़ी बहू नम्रता से कह रही थी। तुम नई हो ना स्निग्धा थोड़े दिनों में इन सबकी आदत तुम्हें भी पड़ जाएगी… मैं … Continue reading मम्मीजी पापाजी का “लड़ाई वाला लव” – मीनू झा
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