Post View 801 मैं जब भी उस सड़क से गुजरती मेरा ध्यान अनायास ही उस बूढ़ी जर्जर काया, झुर्रियों से भरा चेहरे की ओर चला जाता।देखकर लगता तौलने पर किलो भर माँस भी न होगा शरीर में। मुख्य सड़क के फुटपाथ (सर्विस रोड़ ) पर गठरी की तरह सिमट कर बैठी हुई आकाश की ओर … Continue reading मुक्ति – सपना शिवाले सोलंकी
Copy and paste this URL into your WordPress site to embed
Copy and paste this code into your site to embed