Post View 551 शुभा जैसे ही बिस्तर पर लेटी रात के 12 बजे थे । फोन की घन्टी घनघनाने लगी । डा. जोशी बोल रहा हूँ आप आईये अजय की तबियत अधिक खराब है उसको फिर दौरा पड़ा है। शुभा हास्पिटल भागी वह सोच रही थी उसकी जिन्दगी भी बचपन से ऐसे ही भाग रही … Continue reading मुक्ति… – डा.मधु आंधीवाल
Copy and paste this URL into your WordPress site to embed
Copy and paste this code into your site to embed