मुखोटे – डा.मधु आंधीवाल

Post View 9,185 बानी आज सोच रही थी कि इन्सान इतने मुखोटे कैसे अपना लेता है । क्या उसका जमीर उसे कभी जगाता नहीं । अभी चार दिन ही तो हुये उस घर में जवान मौत हुये । सीमा और रमन उसके पड़ोसी कम  हितैषी अधिक थे । बानी ने जब अपना मकान बनवाना शुरू … Continue reading मुखोटे – डा.मधु आंधीवाल