मुखौटे पर मुखौटा – सुषमा यादव

Post View 2,017 नीलू मार्केट गई थी,उसका फोन बार बार बजे जा रहा था। घर आकर देखा तो उसके मामा ससुर के पोते का फोन था,चार पांच मिस्ड कॉल थे। फिर फोन आया, उसने हेलो कहा और व्यंग्य भरी मुस्कान के साथ कहा,,कहो, आज़ ढाई साल बाद कैसे मेरी याद आई, उधर से रमेश की … Continue reading मुखौटे पर मुखौटा – सुषमा यादव